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पठार किसे कहते हैं -What is Plateau?
धरातल का एक ऐसा हिस्सा जो अपने आस पास की जमीन से एकदम से ऊँचा उठा हुआ हो एवं जिसका ऊपरी भाग समतल हो उसे पठार कहा जाता है
दूसरे शब्दों में – वैसी उच्च भूमि (highlands) को पठार कहा जाता है, जिसका शिखर वाला भाग काफी विस्तृत एवं सपाट हो। पठारों के किनारे पर काफी तीव्र (steep slope) देखने को मिलता हैं।
पठार कितने प्रकार के होते हैं ?(Classification of Plateau):
अन्तर्जात शक्तियों द्वारा उत्पन्न पठार:
(क) पटल विरूपणी पठार (Diastrophic Plateau) :
भू-संचलन द्वारा भू -पृष्ठ का कुछ भाग ऊपर उठकर जब पठारों का रूप धारण कर लेता है, तो इसे पटल विरूपण पठार कहा जाता है। जैसे – तिब्बत का पठार, पेटागोनिया का पठार, दक्षिण भारत का पठार आदि।
भौगोलिक स्थिति (Geographical Situation) के आधार पर पटल विरूपणी पठारों को तीन वर्गों में विभाजित किया जाता है।
1 . अंतरापर्वतीय पठार – (अंतर पर्वतीय पठार किसे कहते हैं)
ये पठार चारो तरफ से पर्वतों से घिरे होते है। तिब्बत का पठार, बोलीविया का पठार, पेरू का पठार, कोलंबिया का पठार, मैक्सिको का पठार, गोबी का पठार, ईरान का पठार, तारिम बेसिन, ग्रेट बेसिन आदि।

2 . महाद्वीपीय पठार:
ये काफी विस्तृत एवं अति-प्राचीन पठार है। इन्हे शील्ड (shield) कहा जाता है। लौरेशिया (उत्तर-पूर्व कनाडा एवं ग्रीनलैंड), बाल्टिक (फ़ैनोस्केण्डेनेविया), साइबेरिया, चीन (पूर्वी मंचूरिया से वियतनाम तक), दक्षिण भारत का पठार, अरब का पठार, अफ़्रीकी पठार, ब्राजील का पठार, पश्चिमी ऑस्ट्रेलिया का पठार, ग्रीनलैंड एवं अंटार्टिका का पठार आदि महाद्वीपीय पठारों के उदाहरण हैं।
3 . पर्वतपदीय पठार:
ये पठार पर्वत से सटे हुए लम्बी उच्च भूमि के रूप में मैदान या समुद्र तक फैले हुए हैं।
- दक्षिणी अमेरिका में पेटागोनिया का पठार, उत्तरी अमेरिका का पीडमोंट पठार आदि पर्वतीय पठार के उदाहरण है।
(ख) ज्वालामुखी या लावा पठार:
दरारि उद्भेदन (Fissure Eruption ) के फलस्वरूप निकलने वाले लावा के द्वारा इस पठार का निर्माण होता है। इस प्रकार के पठार बेसाल्ट चट्टानों द्वारा निर्मित होते है एवं इनका रंग काला होता है।
प्रायद्वीपीय पठार किसे कहते हैं?
एक ऐसा स्थलीय भूभाग जो चारों और से जल से घिरा हो उसे प्रायद्वीप कहते है। दक्षिण भारत का त्रिभुजाकार क्षेत्र जिसे दक्क्न का पठार भी कहते हैं एक प्रायद्वीपीय पठार कहलाता हैं जो कि एक लावा पठार का उदाहरण हैं।
अन्य महवत्पूर्ण तथ्य :
- भारत (दक्क्न का पठार), संयुक्त राज्य अमेरिका (कोलंबिया का पठार), आयरलैंड (एंट्रिम पठार), न्यूजीलैंड, दक्षिणी अफ्रीका, उत्तरी एवं दक्षिणी अर्जेंटीना, ब्राजील, फ़्रांस, साइबेरिया आदि में ज्वालामुखी पठारों का निर्माण हुआ हैं।
- हिमानी की अपरदन क्रिया के फलस्वरूप निर्मित पठारों के उदाहरण अंटार्कटिका, ग्रीनलैंड, भारत के गढ़वाल पठार एवं कनाडा में क्यूबेक के पठार के रूप में देखने की मिलते हैं।
- जर्मनी में प्रशिया के पठार का निर्माण हिमानी निक्षेप द्वारा हुआ है। कश्मीर में मर्ग (Marg) की रचना हिमोढ़ो (Moraines) के निक्षेपण का फलस्वरूप हुई हैं।
- कभी- कभी नदिया उच्च मैदानी भागो को अधिक गहराई में काटकर घाटियों के बीच चौड़ा समतल निम्न पठार का निर्माण करती है, तो कभी नदियों द्वारा अपरदित या निक्षेपित क्षेत्र भू-संचलन के फलस्वरूप ऊपर उठकर पठार में परिवर्तित हो जाता हैं। उदाहरण: भारत में विंध्यन, चेरापूंजी, मैसूर एवं रांची का पठार तथा म्यांमार के शान पठार का निर्माण इसी प्रकार हुआ हैं।
- पवन द्वारा मिटटी के बारीक कणों के निक्षेपण के फलस्वरूप भी पठार का निर्माण होता हैं।
- पाकिस्तान का पोटवार पठार एवं चीन का लोएस का पठार इसी प्रकार बना है।
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