हाथी और दर्जी (Hathi Aur Darji Ki Kahani)
एक गांव में एक दर्जी की दुकान थी। उस दुकान पे अक्सर एक हाथी आया करता था और दर्जी उस हाथी को हर बार कुछ न कुछ खाने को दिया करता था। इस प्रकार हाथी और दर्जी दोनों में अच्छी दोस्ती हो गयी।
एक दिन अपने बेटे को दुकान पे बैठाकर दर्जी कहीं और चला गया। ठीक उसी दिन हाथी भी दर्जी की दुकान पर जा पहुंचा।
हर बार की तरह हाथी ने खाने के लिए अपनी लम्बी सूंड को दुकान की ओर बढ़ाया तो इस बात से दर्जी का बेटा नाराज हो गया। और उसने हाथी को खाने को तो कुछ नहीं दिया बल्कि उसकी सूंड में सुई चुभो दी।
दर्द के मारे हाथी जोर से चिल्लाया और चुपचाप वहां से चला गया। अब वो सीधा गंदे पानी से भरे तालाब की ओर गया और वहां से उसने ढेर सारा गन्दा पानी अपनी सूंड में भर कर वापस दर्जी की दुकान पे गया।
वहां पहुँचते ही हाथी ने अपनी सूंड का सारा गन्दा पानी दर्जी की दुकान ने उड़ेल दिया जिससे दुकान के सारे कपड़े गंदे और खराब हो गए।
दर्जी का बेटा अब कुछ नहीं कर सकता था उसे अपने किये का फल मिल चूका था।
कहानी से शिक्षा :
“जैसी करनी वैसी भरनी “
दोस्तों आपको ये Hathi Aur Darji Ki Kahani कैसी लगी हमें कमेंट करके जरूर बताये। साथ ही इस कहानी को अपने दोस्तों के साथ शेयर करना न भूले।
आप ये भी जरूर पढ़े :
- कछुआ और खरगोश की कहानी
- पंचतंत्र की कहानी -चतुर खरगोश
- 10 नैतिक शिक्षाप्रद कहानियाँ हिंदी में
- चालाक लोमड़ी की 5 best कहानियाँ हिंदी में
- ईमानदार लकड़हारा की कहानी
- “बुद्धि का बल” प्रेरणादायक कहानी
- सफलता का राज़ हिंदी कहानी, Secret of success Hindi Story
- आसमान इतना ऊँचा क्यों है – हिंदी कहानी
- 5 नयी प्रेरक कहानियाँ बच्चों के लिए
- परियों की कहानीयाँ बच्चों के लिए हिंदी में
- “तीस मार खाँ” की मजेदार कहानी हिंदी में
- अकबर और बीरबल की मजेदार कहानियां
- अगेरह वगैरह की मजेदार हिंदी कहानी