Kachua Aur Hans Ki Kahani

कछुआ और हंस | Kachua Aur Hans Ki Kahani – 2025

Kachua Aur Hans Ki Kahani

एक बड़े से तालाब में एक कछुआ रहता था उस तालाब में दो हंस भी रोज़ पानी पीने आते थे। इस दौरान तीनों खूब बातें भी करते। धीरे धीरे तीनों में गहरी दोस्ती हो गयी।

एक बार कई दिनों तक सूखा पड़ने के कारण तालाब का पानी भी कम हो गया। इस बात से अब कछुआ और दोनों हंस चिंतित होने लगे।

कछुए ने कहा- दोस्तों, तालाब का पानी तो बहुत कम हो गया है अब बचा हुआ पानी भी ज्यादा दिन नहीं चलेगा। दोस्तों, अब हमें जल्दी ही कोई नया तालाब खोजना चाहिए ताकि वहां हम आराम से रह सके।

अगले दिन दोनों हंस एक नये तालाब की तलाश में उड़ जाते है वापस आकर कछुए को बताते है।

एक हंस बोला- दोस्त कछुए….!! हम आज एक बड़ा सा तालाब खोजकर आये है जो यहां से बहुत दूर है। उसमें अभी काफी पानी हैं। इसलिए हम वहां आराम से रह सकते हैं।

इसलिए अब हमें जल्दी ही यहाँ से चलने की तैयारी शुरू कर देनी चाहिए।

लेकिन अब समस्या यह थी कि दोनों हंस तो उड़कर जा सकते थे लेकिन कछुआ तो उड़ना नहीं जानता था।

फिर उन्होंने एक प्लान बनाया कि दोनों हंस एक बड़ी सी लकड़ी को दोनों किनारों से पकड़ लेंगे और कछुआ उस लकड़ी को बीच में से अपने मुँह से पकड़ लेगा।

हां ये उपाय ही हमारे लिए सबसे जबरदस्त हैं – कछुए ने कहा।

लेकिन दोस्त इसमें खतरा भी बहुत है, बस तुम लकड़ी को मजबूती से मुँह में दबाकर रखना और बिल्कुल भी मुँह मत खोलना – एक हंस ने कछुए से कहा।

हां हां तुम दोनों इस बात की बिल्कुल भी चिंता मत करो – कछुए ने कहा।

अगले दिन सबकुछ प्लान के अनुसार ही हुआ। एक लकड़ी जिसे दोनों सिरों से दोनों हंसो ने पकड़ लिया और बीच में कछुए ने उस लकड़ी को अपने मुँह में दबा लिया।

कछुआ और हंस | Kachua Aur Hans Ki Kahani
कछुआ और हंस | Kachua Aur Hans Ki Kahani

उड़ते हुए तीनो जब एक गांव के ऊपर से गुजर रहे थे तो गांव के लोगो ने कहा – अरे देखो वो दोनों हंस उस बेचारे कछुए को पकड़ कर ले जा रहे है। आगे जाकर ये उस कछुए को मार देंगे।

गांव वालों की ये बातें सुनकर कछुए से रहा न गया और जोर से बोला – अरे मूर्खों ये तो मेरे दोस्त है।

कछुए ने जैसे ही यह कहना शुरू किया कछुआ सीधा नीचे जमीन पे जा गिरा और वहीं उसका दम निकल गया।

ये देखकर दोनों हंसो को बहुत दुःख हुआ लेकिन अब वो कुछ नहीं कर सकते थे। अब उन्होंने आगे बड़ना ही उचित समझा।

इस कहानी से शिक्षा:

विपरीत परिस्थिति में भी धैर्य से काम लेना चाहिए।

प्यारे दोस्तों ये कहानी Kachua Aur Hans Ki Kahani आपको कैसी लगी हमे कमेंट करके जरूर बताये।

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