प्यासा कौआ की कहानी (Pyasa Kauwa Ki Kahani)

एक समय की बात हैं। एक कौआ था जिसे बहुत जोरो की प्यास लगी थी। इसलिए वो पानी की तलाश में इधर उधर भटक रहा था लेकिन उसे कहीं भी पानी नहीं मिला।

प्यास के मारे कौए की हालत इतनी ख़राब होने लगी थी कि वो ठीक से उड़ भी नहीं पा रहा था फिर भी जैसे तैसे हिम्मत जुटाकर वो पानी ढूंढ रहा था।

उसे यही उम्मीद थी कि कही न कहीं तो उसे पानी मिल ही जायेगा।

इसी दौरान उड़ते हुए उसे दूर एक खेत में पानी का मटका (घड़ा) दिखाई दिया। कौए ने सोचा कि चलो देखते हैं कि उस मटके में पानी है या नहीं।

कौआ मटके के पास आकर देखता है कि मटके में पानी तो हैं परन्तु वह इतना कम है कि उसकी पहुँच के बाहर है। मटके में पानी देखकर कौवे की प्यास और भी ज्यादा बढ़ने लगी।

अब कौवे ने सोचा कि मटके में पानी तो बहुत नीचे हैं और इस पानी तक कैसे पहुंचा जाये।

तभी उसे उपाय एक सुझा और उसने आस पास से कुछ कंकड़ पत्थर इकट्ठे किये और एक एक करके उन्हें मटके में डालने लगा।

कौवे ने देखा कि धीरे धीरे मटके में पानी ऊपर आने लगा है और जब पानी ऊपर तक आ गया तो कौवे ने जी भर के पानी पिया और इस तरह कौवे ने अपनी प्यास बुझाई।

इस कहानी से सीख :

मुसीबत के समय हिम्मत और धैर्य से काम लेना चाहिए ।

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Rakesh Verma

Rakesh Verma is a Blogger, Affiliate Marketer and passionate about Stock Photography.

1 Comment

kejanyadav · December 15, 2022 at 11:06 am

Bahut achcha kahani hai keep it up thanks to lovely story

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