हेलो दोस्तों, आज हम दुनिया की सबसे ऊँची प्रतिमा Statue of Unity के कुछ खास Facts के बारे में बात करने वाले है। जैसे- स्टैचू ऑफ यूनिटी कहां पर है, स्टैचू ऑफ यूनिटी के मुख्य आकर्षण क्या हैं और स्टैचू ऑफ यूनिटी’ कैसे जाये आदि।
तो Statue Of Unity की पूरी जानकारी के लिए इस पोस्ट को पूरा पढ़े ताकि आपको इसके बारे में रोचक जानकारी प्राप्त हो सके।
Statue Of Unity की पूरी जानकारी
स्टैचू ऑफ यूनिटी कहां पर है?
दोस्तों! Statue of Unity यानि एकता की मूर्ति भारत के लोह पुरुष सरदार वल्लभ भाई पटेल को समर्पित दुनिया का सबसे ऊँचा स्मारक है जो कि गुजरात के नर्बदा जिले में सरदार सरोवर बांध से 3.2 किलोमीटर दूर साधुबैट नामक स्थान पर स्थित है।
स्टैचू ऑफ यूनिटी की ऊंचाई कितनी है?
Staute of Unity दुनिया का सबसे ऊँचा स्मारक है जिसकी ऊँचाई 182 मीटर यानि 597 फीट है। इसकी ऊंचाई एक 60 मंजिला ईमारत जितनी है।
इसके स्मारक का आधार 58 मीटर है। इस प्रकार आधार सहित इस स्मारक की कुल ऊंचाई 240 मीटर है।
इसके तैयार होने से पहले चीन का Spring Tample Buddha 208 मीटर, (682 फ़ीट) दुनिया का सबसे ऊँचा स्मारक हुआ करता था। यह स्मारक अमेरिका के Statue of Liberty (93) से लगभग दोगुना है।
इसे 7 किलोमीटर दूर से भी देखा जा सकता है। वैसे ये सिर्फ 2019 तक ही सबसे ऊँचा स्मारक रहेगा क्यूंकि महाराष्ट्र सरकार द्वारा अरब सागर के किनारे शिवाजी महाराज की मूर्ती बनायीं जा रही है।
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निर्माण एवं लागत (सरदार पटेल की मूर्ति का खर्च):
सरदार की इस मूर्ति की अभिकल्पना भारत के सुप्रसिद्ध मूर्तिकार पद्मश्री राम वानजी सुथार ने की। उनकी ही देखरेख में इस मूर्ति का काम हुआ है।
यह स्मारक 5 वर्षो में बनकर तैयार हुआ है जिसका उद्घाटन 31 अक्टूबर 2018 को भारत के प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र मोदी द्वारा किया है।
31 अक्टूबर 2013 में इसका निर्माण कार्य शुरू हुआ जिसे भारत की अग्रणी कंपनी L&T (लार्सन एंड टुब्रो) ने 27 अक्टूबर 2014 को 2989 करोड़ रुपये की सबसे कम बोली लगाकर बनाकर इसके आकृति, निर्माण और रखरखाव की जिम्मेदारी ली।
इसके निर्माण कार्य में चीन के 200 इंजीनियरो ने भी योगदान दिया है। इस स्मारक के निर्माण में बुर्ज खलीफा की निर्माण कंपनी टर्नर कंस्ट्रक्शन की भी मदद ली गयी है।
इसे बनाने के लिए “Statue of Libery” अभियान चलाया गया जिसके अंतर्गत सम्पूर्ण भारत के किसानो द्वारा दान किये जाने वाले लोहे को इक्क्ठा करना था।
यह अभियान लगभग 2 महीने तक चला जिसके दौरान लगभग 5000 टन लोहा इक्क्ठा किया गया। इस लोहे का प्रयोग इस परियोजना से जुड़े अन्य कार्यो में किया गया।
इसके निर्माण में लगभग 2,25000 टन सीमेंट व 57 लाख किलोग्राम स्टील का प्रयोग हुआ है। इसे बनाने में 4 धातुओं का प्रयोग किया गया है जिसके कारण बरसो तक इसमें जंग नहीं लगेगी। इस मूर्ति में 85 प्रतिशत ताम्बा इस्तेमाल हुआ है।
यह स्मारक इतना मजबूत है कि यह 6.5 की तीव्रता वाले भूकंप एवं 180 किलोमीटर तक की हवाओं को भी झेल सकता है।
इस स्मारक का पूरा काम 4 चरणों में हुआ है जिसमे mockup, 3D Scanning Tachnique व Computer Numerical Control Production तकनीक का उपयोग किया गया। मुख्य मूर्ति में चीन द्वारा बनायीं गयी कांस्य की प्लेटो का प्रयोग हुआ।
स्टैचू ऑफ यूनिटी के मुख्य आकर्षण:
इस मूर्ति में ऊपर जाने के लिए दो Lift भी लगायी गयी है जो इसके दोनों पेरो से होकर मूर्ति के छाती तक पहुंचेगी जहा से सरदार सरोवर बांध और इसके आसपास की खूबसूरत वादियों का विहंगम नजारा देखा जा सकता है।
यहाँ पर दर्शको के लिए 153 मीटर लम्बी एक गैरी भी बनाई गयी है जिसमे एक साथ लगभग 200 विज़िटर आ सकते है।
इसके अलावा यहाँ स्टेचू के नीचे एक म्यूजियम भी बनाया गया है जिसमे सरदार वल्लभ भाई पटेल जीवनी और स्मृति से जुडी कई चीजे रखी जाएगी।
रात में मुख्य आकर्षण लेज़र लाइटिंग शो है जो यहाँ की रोनक और भी बड़ा देता है।
स्टेचू के पास ही 250 एकड़ में फूलों की घाटी भी बनायीं गयी है जिसमे 100 प्रकार के फूलों के पौधे लगाए गए है। पर्यटकों के लिए यहाँ एक पब्लिक प्लाजा भी बनाया गया है।
इसके अलावा यहाँ खानपान, स्टाल, दुकाने और अन्य सुविधाएं भी है। पर्यटकों के रात्रि विश्राम के लिए यहाँ एक टेंट सिटी भी बनायीं गयी है जिसमे 250 टेंट लगाए गए है।
स्टेचू से 3 किलोमीटर दूर 52 कमरों वाला एक 3 स्टार होटल श्रेष्ठ भारत भवन काम्प्लेक्स भी है।
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शुल्क कितना है (statue of unity ticket price)
यहाँ पर जाने के लिए शुल्क की दो केटेगरी है जिसमे एक केवल गैलरी देखने वाला और दूसरा बिना गैलरी वाला टिकट।
अगर आप यहाँ पूरी जगह घूमने का प्लान बनाते है तो आपको इसके लिए 350 और 30 रुपये बस के खर्च करने होंगे। बिना गैलेरी वाला टिकट 300 रुपये है।
ऑनलाइन टिकट बुकिंग के लिए आप https://www.soutickets.in से ऑनलाइन टिकट बुक कर सकते हैं।
स्टैचू ऑफ यूनिटी कैसे पहुंचे:
हवाई और रेल मार्ग से पहुँचने के लिए यहाँ से नजदीकी शहर वड़ोदरा है जहा से इसकी दूरी 89 किलोमीटर है। इसके बाद सड़क मार्ग द्वारा केवडिया पहुँचकर साधु आईलैंड तक आना होगा।
यहाँ तक पहुँचने के लिए 3.5 किलोमीटर लम्बा राजमार्ग भी है इसके बाद स्टेचू तक तक जाने के लिए नाव की व्यस्था है जिससे स्टेचू तक केवल 5 मिनट में ही पहुंचा जा सकता है। मैन रोड से स्टेचू को जोड़ने वाला एक लिंक ब्रिज भी है।
अंत में :
तो दोस्तों उम्मीद करता हूँ कि इस लेख से आपको Statue Of Unity की पूरी जानकारी मिल गयी होंगी । इस जानकारी को अपने दोस्तों में भी जरूर शेयर करे ताकि उन्हें भी ऐसी interesting knowledge मिल सकें।
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धन्यवाद।
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