इस लेख में आज आप सौरमंडल के ग्रहों के नाम और जानकारी प्राप्त करने वाले है। अतः ये आर्टिकल पूरा जरूर पढ़े। आईये जानते हैं Solar System Ki Jankari

हमारा सोलर सिस्टम इस ब्रह्माण्ड में मौजूद हमारी आकाशगंगा “मिल्कीवे” का एक छोटा सा हिस्सा है। और इस सौर मंडल का मुखिया सूर्य है जिसके 8 ग्रह और उनके उपग्रह एवं कई क्षुद्र ग्रह और उल्का पिंड इस सौर मंडल का हिस्सा है। ये सभी आकाशीय पिंड इस सूर्य की दीर्घवृत्ताकार(elliptical round) रूप में परिक्रमा करते है। 

सौर मंडल के इन सभी ग्रहों को दो भागो में बांटा गया है- आंतरिक ग्रह और बाह्य ग्रह। 

आंतरिक ग्रहों में सूर्य के नजदीकी ग्रहों को शामिल गया है जिनमे बुध(mercury), शुक्र(venus), पृथ्वी(earth) और मंगल(mars) और उनके उपग्रह शामिल है। 

बाह्य ग्रहो में बृहस्पति(jupiter), शनि(saturn), अरुण(uranus) और वरुण(neptune) और इनके उपग्रह भी शामिल है। 

आईये अब सौर मंडल के सभी आकाशिए पिंडो के बारे में विस्तार से जानते है। सौरमंडल के ग्रहों के नाम और चित्र

सौरमंडल के ग्रहों के नाम और जानकारी/Solar System Ki Jankari:

सूर्य(Sun) – 

सूर्य सौर परिवार का मुखिया कहलाता है जो हमारे सौर मंडल में ऊर्जा का मुख्य स्रोत माना जाता है। सूर्य की गुरुत्वाकर्षण शक्ति के कारण ही सौर मंडल के सभी ग्रह और उपग्रह इसकी परिक्रमा करते है।

आकार में ये सौर मंडल का सबसे बड़ा पिंड है। इसका व्यास लगभग 13 लाख 90 हजार किलोमीटर है। सूर्य में पूरे सौर मण्डल का 99.8 प्रतिशत द्रव्यमान (Mass) है।  

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The Sun

सूर्य में ऊर्जा का मुख्य स्रोत हीलियम और हाइड्रोजन गैस के रूप है जो कि परमाणु विलय की प्रक्रिया द्वारा ऊर्जा में बदलती है।

सूर्य 27 दिनों में अपने अक्ष पर एक परिक्रमण कर लेता है इसके साथ ही ये लगभग 22 से 25 करोड़ वर्षो में हमारी आकाश गंगा (Milkyway) की एक परिक्रमा पूरी कर लेता है। 

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बुध(Murcury)- 

बुध सौर मंडल के आंतरिक ग्रहों में शामिल सूर्य के सबसे नजदीकी ग्रह है। यह आकार में सौर मंडल का सबसे छोटा ग्रह माना जाता है। 

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The Mercury Planet

यह गृह सूर्य के सबसे नजदीक होने के बाद भी सबसे गरम नहीं है। इसका तापमान लगभग 90 डिग्री केल्विन (1 डिग्री सेल्सियस = 274.15 केल्विन) से 700 डिग्री केल्विन तक माना जाता है। 

बुध ग्रह की सतह ठोस है जो कि लौहे और जस्ते से बनी हुई है। सूर्य की परिक्रमा करने में इसे लगभग 88 दिन का समय लगता है जो कि पूरे सौर मंडल में सबसे तेज परिक्रमण गति है।

इसका व्यास लगभग 4880 किलोमीटर और द्रव्यमान 3.30e23 है। 

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शुक्र(Venus)- 

शुक्र गृह को पृथ्वी की बहन कहा जाता है क्यूंकि इसका आकार पृथ्वी के सामान ही है। ये सूर्य से दुरी के मामले में दूसरा ग्रह है तो वही पृथ्वी से सबसे नजदीकी ग्रह भी यही है।

यह ग्रह रात में सबसे तेज चमकते तारे के रूप में दिखाई देता है। इसलिए इसे भोर का तारा एवं शाम का तारा भी कहते है।

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The Venus Planet

सौर मण्डल के सभी ग्रहो में इस ग्रह का तापमान सबसे ज्यादा माना जाता है जो कि लगभग 700 केल्विन (462°C,863°F) के आसपास है। 

शुक्र ग्रह का व्यास लगभग 12092 किलोमीटर है। इसकी सतह ज्वालामुखी और क्रेटरो से भरी पड़ी है। इसका कोई प्राकृतिक उपग्रह नहीं है।

यह 225 दिनों में सूर्य की एक परिक्रमा पूरी कर लेता है। दूसरे ग्रहों के मुकाबले शुक्र ग्रह विपरीत दिशा यानि पूर्व से पश्चिम की और सूर्य का परिक्रमण करता है।

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पृथ्वी(Earth)- 

पृथ्वी जिसे हम अपना घर कहते हैं, अभी तक ज्ञात इस समूचे ब्रह्माण्ड में केवल इसी ग्रह पर जीवन मौजूद है। अंतरिक्ष में दूर से देखने पर यह एक नीले ग्रह के रूप में दिखाई देता है।

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The Earth Planet

पृथ्वी सूर्य से दूरी के मामले में तीसरे स्थान पर है जिसकी दूरी सूर्य से लगभग 15 करोड़ किलोमीटर है। पृथ्वी अपने अक्ष पर 24 घंटे में एक चक्र पूरा कर लेती है जिसे हम एक दिन कहते है।

सूर्य की एक परिक्रमा लगाने में इसे लगभग 365 दिन 5 घंटे 48 मिनट और 46 सेकंड का समय लगता है। चन्द्रमा पृथ्वी का एकमात्र प्राकृतिक उपग्रह है जो की एक महीने में पृथ्वी का एक चक्कर लगा लेता है। 

पृथ्वी का व्यास 12756 किलोमीटर है। इस ग्रह पर जीवन के लिए पर्याप्त रूप से अनुकूल भौतिक परिस्थितिया मौजूद है जिनमे पानी और वायुमंडल में ऑक्सीज़न की मौजूदगी तथा सूर्य से पर्याप्त दूरी प्रमुख है।

इसके वातावरण में वायुमंडल मौजूद है जिसमे 77 प्रतिशत नाइट्रोजन, 21 प्रतिशत ओक्सिजन और बाकि हिस्से में कार्बन डाई ऑक्साइड, ऑर्गन और नियोन गैसों का मिश्रण है।

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मंगल(Mars)- 

मंगल गृह आंतरिक ग्रहो में सबसे अंतिम सीमा में स्थित है जो की सूर्य से दूरी के क्रम में चौथे स्थान पर है। आयरन ऑक्साइड की अधिक मात्रा के कारण यह लाल ग्रह भी कहलाता है।

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The Mars Planet

मंगल की सतह भी पृथ्वी की तरह ही सख्त है। इसकी अपने अक्ष पर घूर्णन गति लगभग पृथ्वी के 24 घंटे के सामान ही है। इसे सूर्य की परिक्रमा पूरी करने में 687 दिन का समय लगता हैं। 

इसका ग्रह का वातावरण बिलकुल विरल है। फोबोस और डीमोस इसके दो प्राकृतिक उपग्रह है। सोर मंडल का अब तक का ज्ञात सबसे ऊँचा पर्वत ओलम्पस मोंस मंगल ग्रह पर ही मौजूद है जिसकी ऊँचाई करीबन 22 किलोमीटर है जो कि एक ज्वालामुखी पर्वत है।

वैज्ञानिको के अनुसार इस ग्रह पर जीवन की सबसे अधिक संभावना मानी गयी है जिसके अन्वेषण के लिए अब तक कई रोवर इस ग्रह पर भेजे जा चुके है जिनमे भारत का मंगल मिशन भी शामिल है। 

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बृहस्पति(Jupiter)- 

बृहस्पति सौर मंडल का बाह्य ग्रह है जो कि एक गैस दानव है। लगभग 1,42,982 किलोमीटर विषुवतीय व्यास के साथ यह पूरे सौर मंडल का सबसे बड़ा ग्रह है जिसका आकार पृथ्वी से लगभग 1300 गुणा ज्यादा है।

इसका एक दिन सबसे कम यानि 9 घंटे 55 मिनट का माना जाता है। यह हीलियम और हाइड्रोजन से बना हुआ गृह है परन्तु वैज्ञानिको का अनुमान है कि बृहस्पति का कोर भारी चट्टानी तत्वों से युक्त हो सकता है। 

बृहस्पति के कुल 71 प्राकृतिक उपग्रह है जिनमे से गैनिमीड सबसे बड़ा चन्द्रमा है। इसके अन्वेषण के लिए अब तक पायोनियर, वॉयजर, गेलिलियो यान और न्यू होराइजन्स नामक अंतरिक्ष यान भेजे गए है।

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The Jupiter Planet

यह चन्द्रमा और शुक्र के बाद रात्रि में तीसरा सबसे तेज चमकने वाला ग्रह है। इसकी सूर्य से दूरी 77 करोड़ 80 लाख किलोमीटर है। यह 11.83 वर्ष में सूर्य का एक चक्कर पूरा करता है। 

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शनि(Saturn)- 

यह सौर मंडल में बृहस्पति के बाद दूसरा सबसे बड़ा गृह है। इसका व्यास पृथ्वी के मुकाबले 9 गुणा ज्यादा है। इसका आतंरिक कोर भी भारी तत्वों से जैसे लोहा निकल आदि से बना हुआ है।

इसके 62 प्राकृतिक उपग्रह है जो इसकी परिक्रमा करते है। टाइटन शनि का सबसे बड़ा उपग्रह है। इसका बाह्य वातावरण गैसीय है। 

इसके साथ ही इसकी एक वलय प्रणाली भी है जो इसे दूर से देखने में बेहद खूबसूरत बनाती है। इसकी सूर्य से औसत दूरी लगभग 1.4 अरब किलोमीटर है।

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The Saturn Planet

यह पृथ्वी के लगभग 29.5 सालो में सूर्य का एक चक्कर पूरा करता है। इस ग्रह की खोज 17 वी शताब्दी से शुरू हुई और 21 वी शताब्दी में केसिनी अंतरिक्ष यान द्वारा इसके बारे में विस्तार से अन्वेषण किया गया है। 

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अरुण(Urenus)- 

यह हमारे सौर मंडल का तीसरा सबसे बड़ा ग्रह है जो कि सूर्य से दुरी के मामले में सातवे स्थान पर है। 

इसका अकार पृथ्वी से 63 गुना ज्यादा है। यह भी एक गैसीय ग्रह है जिसका वातावरण हीलियम और हाइड्रोजन से बना हुआ है जबकि अंतरिक सतह निकिल और लोहे जैसे भारी पदार्थो से बनी हुई है।  

सौर मंडल के सभी ग्रहों में इस ग्रह का वातावरण सबसे ठंडा है जो कि -224 डिग्री सेंटीग्रेड है। सूर्य का एक चक्कर लगाने में इसे 84 वर्षो का समय लगता है।

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The Uranus Planet

यह अपने अक्ष पर 17.77 डिग्री झुका हुआ है। अरुण का द्रव्यमान 14.5 गुणा है। अब तक ज्ञात जानकारी के अनुसार अरुण के 27 प्राकृतिक उपग्रह माने गए है जिनमे से टाईटेनिया सबसे बड़ा उपगृह है। 

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वरुण(Neptune)- 

यह सौर मंडल का सबसे आखिरी ग्रह माना गया है जो कि सूर्य से 4.50 अरब किलोमीटर दूर है। इसकी खोज 1846 में जॉन गाले द्वारा की गयी थी।

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The Neptune Planet

सौर मंडल के बाह्य ग्रहो में ये ग्रह चौथा सबसे बड़ा गैस दानव है। इसका वातावरण सफ़ेद मीथेन से बना होने के कारण यह बर्फीला गैस दानव भी कहलाता है।  

इस ग्रह पर सबसे तेज (2100 किलोमीटर प्रति घंटा) गति से तूफानी हवाये चलती है। इसका बेहतर अन्वेषण वॉयजर 2 नामक अंतरिक्ष यान द्वारा किया गया। 

सौरमंडल की उत्पत्ति कैसे हुई?

सौरमंडल की उत्पत्ति को लेकर वैज्ञानिकों में एक मत नहीं हैं क्यूंकि इसको लेकर उनमें अलग अलग थ्योरी और परिकल्पनाएं मानी जाती हैं। फिर भी सौरमंडल की उत्पत्ति को लेकर Nebular Hypothesis (नेब्युला सिद्धांत) सबसे ज्यादा प्रचलित माना गया हैं।

Nebular Hypothesis के अनुसार हमारी आकाशगंगा (मिल्कीवे) में जिस जगह हमारा सौरमंडल हैं वहां सिर्फ धुल और गैस के कण ही विध्यमान थे जिसमे हीलियम और हायड्रोजन गैस भी थी। यानि ये एक विशाल नेब्युला था जो धूल और गैस के बादलों से बना हुआ था।

धीरे धीरे इस विशाल नेब्युला के अंदर की धूल और गैस के बादल सेंटर में जमा होने लगे जिससे गुरुत्वीय खिंचाव बढ़ने लगा और धूल और गैस के बादल तेजी से केंद्र का चक्कर लगाने लगे और एक ही जगह जमा होने लगे।

धीरे धीरे न्यूक्लिअर फ्यूज़न की रिएक्शन के कारण केंद्र में बहुत ज्यादा ऊष्मा (energy) पैदा होने लगी जिससे सूर्य का निर्माण होने लगा।

परन्तु अभी भी सूर्य के आसपास की धूल और गैस के कणों की विशाल डिस्क तेजी से घूम रही थी। इस डिस्क के अंदर मौजूद धूल के कण लगातार आपस से टकराते रहे और धीरे धीरे एक बड़े पिंड का आकार लेने लगे जिससे आगे चलकर 9 ग्रह बने।

इस प्रकार सौरमंडल के आंतरिक ग्रह ठोस चट्टानों में बदल गए क्यूंकि सूर्य से नजदीक होने के कारण इनका गैसीय वातावरण धीरे धीरे खत्म होने लगा।

इसके विपरीत सौरमंडल के बाह्य ग्रहों की सूर्य से अत्यधिक दूरी होने के कारण अभी भी उनमें गैसीय वातावरण मौजूद हैं। और इसलिए शायद आकार में वे आंतरिक ग्रहों से बड़े भी दिखाई देते हैं।

सौर मंडल में कितने ग्रह हैं?

वर्तमान में हमारे सौरमंडल में ग्रहों की कुल संख्या 8 मानी गयी हैं। पूर्व में ये संख्या 9 थी जिसमें से प्लूटो (यम) से ग्रह होने का दर्जा छीन लिया गया हैं। खगोल विज्ञानियों ने अब इसे एक बौना ग्रह की संज्ञा दी गयी हैं। प्लूटो के साथ दो अन्य पिंडो सीरीस और एरिस को भी बौने ग्रहों का दर्जा दिया हैं।

आखिर क्यों प्लूटो अब नवा ग्रह नहीं रहा ? 

कुछ वर्षो पहले तक यम(प्लूटो) को हमारे सौर मंडल का नौवा गृह माना जाता था परन्तु 13 दिसम्बर 2006 में अंतर्राष्ट्रीय खगोलीय संघ द्वारा प्लूटो से ग्रह होने का दर्जा छीन लिया गया और इसे बौना ग्रह की संज्ञा दी। इससे पहले तक प्लूटो सौर मंडल का सबसे छोटा ग्रह माना जाता था। 

विशेष:- पूरे सौर मंडल में सिर्फ शुक्र और अरुण ग्रह ही विपरीत दिशा (पूर्व से पश्चिम दिशा की ओर)में सूर्य का परिक्रमण करते है एवं बाकि सभी ग्रह पश्चिम से पूर्व की तरफ घूर्णन करते है। 

FAQ (Frequently Asked Questions):

प्रश्न – सोलर सिस्टम का हिंदी में क्या मतलब है?

उत्तर : सौर मंडल

प्रश्न – सबसे अधिक ठंडा ग्रह कौन सा है?

उत्तर : युरेनस (अरुण ग्रह)

प्रश्न – अरुण ग्रह को इंग्लिश में क्या कहते हैं?

उत्तर – युरेनस

प्रश्न – ग्रहों का राजा कौन है?

उत्तर : सूर्य

प्रश्न – काला ग्रह कौन सा है?

उत्तर : शनि ग्रह

प्रश्न – कौन सा ग्रह उल्टा घूमता है?

उत्तर : वीनस (शुक्र)

प्रश्न – सौरमंडल का सबसे छोटा ग्रह कौन सा है?

उत्तरर : बुध

प्रश्न – ग्रह कितने प्रकार के होते हैं?

उत्तर : उत्तर : आंतरिक ग्रह और बाह्य ग्रह

प्रश्न – 8 ग्रह कौन कौन से हैं?

उत्तर : बुध, शुक्र, पृथ्वी, मंगल, बृहस्पति, शनि, यूरेनस (अरुण) तथा नेप्च्यून (वरुण)।

प्रश्न : पृथ्वी की तीन परतें कौन कौन सी हैं?

उत्तर : क्रस्ट, मेन्टल और कोर


अंत में :
आज आपने सौरमंडल के ग्रहों के नाम और जानकारी, 8 ग्रह के बारे में जानकारी प्राप्त की। अगर आपको यह लेख पसंद आया हो तो इसे अपने दोस्तों में भी शेयर करे और आपके मन में कोई सवाल या आप इस ब्लॉग के लिए कुछ सुझाव देना चाहते है तो आपके अनमोल विचार हमे कमेंट करके जरूर बताये। 

धन्यवाद। 

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Rakesh Verma

Rakesh Verma is a Blogger, Affiliate Marketer and passionate about Stock Photography.

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