-: चतुर किसान की कहानी :-

बहुत समय पहले की बात हैं। गर्मीयों का दिन था और तपती दुपहरी में एक किसान अपने खेत में हल जोत रहा था। उसी समय उधर से भगवान शिव गुजर रहे थे। उन्होंने जब किसान को इस भयंकर तप्ती दोपहरी में हल चलाते देखा तो उन्हें बड़ा आश्चर्य हुआ।

भगवान शिव एक गड़रिया का रूप धारण कर उस किसान के पास गये और बोले – “अरे भाई! तुम इस तपती दोपहरी में खेत क्यों हाँक रहे हो? क्या तुम्हे नहीं पता कि बारिश होने पर ही खेत की हंकाई की जाती हैं और अभी तो दूर दूर तक बारिश के कोई आसार नजर नहीं आ रहे हैं। देखो आसमान में दूर दूर तक कोई बादल भी दिखाई नहीं दे रहा हैं।”

गड़रिया की बात सुनकर किसान ने कहा – “हां भाई तुम्हारी बात सही हैं लेकिन मुझे पक्का विश्वाश है कि आज रात बारिश होगी और जरूर होगी।

भगवान शिव किसान की ये बात सुनकर थोड़े मुस्कुराये और बोले – “तुम इतना यकीन से कैसे कह सकते हो कि आज रात बारिश होगी ही। क्या तुम कोई अंतर्यामी हो?”

किसान- “नहीं……..!! लेकिन देखना आज रात बारिश जरूर होगी।”

गड़रिया – ठीक हैं देखते हैं कैसे होती हैं आज रात बारिश !! ये कहकर भगवान शिव वहां से चले गए।

उसी रात अचानक ज़ोरदार बारिश होने लगती हैं। ये देखकर भगवान शिव अचंभित हो गए।

उन्होंने राजा इंद्रदेव को बुलाया और कहा – “राजा इंद्र! तुमने आज ये बेमौसम बारिश क्यों की?”

इंद्रदेव – “माफ़ करो भगवन, मैं मजबूर था क्यूंकि मोरों की पुकार सुनकर मुझसे रहा नहीं गया। इसलिए मैंने ये बारिश की हैं।”

भगवान शिव – “तो फिर सभी मोरों को बुलाओ।”

अब सभी मोर इक्क्ठे हुए तो उनसे पूछा कि तुम सब आज बेवजह क्यों बोल रहे थे।

तो मोरों ने कहा – क्षमा करें भगवन!! हम क्या करते, हम भी मजबूर थे क्यूंकि हमने भी झींगुरों को तेज आवाज में बोलते हुए सुना था। उनको बोलता देखकर हमसे भी रहा नहीं गया। इसलिए सारा दोष उन झींगुरों का हैं।

भगवान शिव – ठीक है तो फिर सभी झींगुरों को बुलाओ!

जब सब झींगुर इक्क्ठे हुए तो भगवान शिव फिर बोले – क्यों भई तुम क्यों बिना वजह बोल रहे थे। क्या ये बारिश का समय हैं?

तो झींगुर बोले – “भगवन हम भी क्या करते हम भी मजबूर थे क्यूंकि हमने जुगनू को चमकते हुए देखा था।”

भगवान शिव- “तो फिर सभी जुगनुओं को बुलाया जाये।”

सभी जुगनू हाजिर हुए तो उनसे भी फिर वही सवाल- “बताओ तुम क्यों चमके, क्या तुम्हारी भी कोई मजबूरी थी ?”

इस पर सभी जुगनू एक साथ बोले – “नहीं भगवन हम कसम खाते हैं आज हममे से कोई भी नहीं चमका। “

जुगनुओं की बात सुनकर भगवान शिव आश्चर्य में पड़ गए और बोले – “ऐसा कैसे हो सकता है। जब तुममे से कोई भी नहीं चमका तो फिर कौन चमक रहा था?”

तभी एक झींगुर बोला- हां मैंने देखा हैं उस जुगनू को।

भगवान शिव बोले- कहा देखा हैं उसे? जल्दी बताओ।

झींगुर – तो फिर आओ मेरे पीछे पीछे।

थोड़ी देर चलने के बाद वो सब उसी किसान के खेत में जा पहुंचे।

झींगुर बोला – वो देखो वहां, एक झींगुर अब भी वहीं चमक रहा हैं जहां पहले भी मैंने उसी जगह पर देखा था। आओ नजदीक जाकर देखते हैं।

जब सब नजदीक पहुंचे तो उन्होंने देखा कि एक पेड़ के नीचे बैठकर वो किसान बीड़ी पी रहा था।

किसान की ये चालाकी देखकर भगवान शिव बेहद प्रसन्न हुए और अपने असली रूप में आकर कहा – “हे मानव!! सचमुच तुम बहुत चालाक हो लेकिन तुम्हारे इस द्रढ़ विश्वाश ने आज मुझे भी हरा दिया। सदा खुश रहो।”

कहानी से शिक्षा : खुद पर पक्का यकीन हो तो कोई काम मुश्किल नहीं होता।

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Rakesh Verma

Rakesh Verma is a Blogger, Affiliate Marketer and passionate about Stock Photography.

2 Comments

Pratham Vashisth · October 12, 2021 at 9:51 pm

Bhai Sahi Karo Shiksha Ko Galat Gyan Mil Jayega

    Rakesh Verma · October 12, 2021 at 11:10 pm

    Pratham Vashisth जी सुझाव देने के लिए आपका शुक्रिया। जैसा आपने बताया वो गलती ठीक कर दी गयी हैं। उम्मीद हैं कि आपका प्यार और सपोर्ट आगे भी इसी तरह बना रहेगा।

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