एक प्रेरणादायक लघु कहानी

(सफलता का राज़)

एक बार एक लड़का छुट्टिया बिताने अपने दादाजी के गांव गया। वहां उसने अपने दादाजी से पूछा कि सफलता का राज़ क्या है। इस पर दादाजी उसे पास की नर्सरी में ले गए और वहां से दो पौधे खरीद लाए।

एक पौधा उन्होंने घर के अंदर गमले में लगाया और दूसरा पौधा घर के बाहर लगा दिया। दादाजी ने अपने पोते से पूछा कि तुम्हे क्या लगता है, इन पौधों में से अधिक सफल कौन होगा?

लड़के ने जवाब दिया कि घर के अंदर वाला पौधा ज्यादा सफल होगा क्योंकि वह बाहर के सभी खतरों से सुरक्षित है जबकि बाहर वाले पौधे को बहुत सी चीजों से खतरा है।

दादाजी उसकी बात पर मुस्करा दिए। कुछ दिनों बाद लड़का वापस शहर चला गया। कुछ साल बाद वह फिर से दादाजी से मिलने गांव आया और पौधों के बारे में पूछा।

दादाजी ने उसे घर के अंदर लगा पौधा दिखाया। वह पौधा गमले में काफी बड़ा हो चुका था। लड़के ने कहा कि मैंने कहा था न कि यही पौधा ज्यादा सफल होगा। फिर उसने कहा कि दादाजी उस बाहर वाले पौधे का क्या हुआ?

दादाजी उसे घर से बाहर लेकर गए तो लड़का हैरान रह गया। बाहर वाला पौधा अब एक विशाल वृक्ष का रूप ले चुका था। उसने दादाजी से पूछा कि यह कैसे संभव है? दादाजी ने उसे बताया कि खतरों से झुंझकर ही सफलता प्राप्त होती है।

कहानी से शिक्षा :

खतरों से डरे नहीं, बल्कि उनका सामना करें, तभी सफलता मिलेगी।

आखिर में :
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Rakesh Verma

Rakesh Verma is a Blogger, Affiliate Marketer and passionate about Stock Photography.

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