Quantum Computer Kya Hai, इसे भविष्य का कंप्यूटर क्यों कहा जाता हैं? क्वांटम कंप्यूटर कैसे काम करता है, क्वांटम कंप्यूटिंग का उपयोग किस काम के लिए किया जाता है, क्वांटम कंप्यूटर के लाभ क्या हैं और यह Classical computer से तेज क्यों है? इन सभी सवालों के जवाब आपको इस आर्टिकल में जानने को मिलेंगे। अतः इस लेख को पूरा जरूर पढ़ें।

तो आइए जानते हैं कि क्वांटम कंप्यूटर क्या है और क्वांटम कंप्यूटिंग का उपयोग किस काम के लिए किया जाता है?

Quantum Computer Kya Hai?

हाल के दिनों में कंप्यूटर के क्षेत्र में काफी बदलाव आया है। आज के कंप्यूटर शुरुआती कंप्यूटरों की तुलना में बहुत छोटे और तेज हो गए हैं, जिससे जटिल गणना करना आसान हो गया है। आज के सुपर कंप्यूटर से कई जटिल गणनाओं (complex calculations) को करने में कुछ ही मिनट लगते हैं।

फिर भी आज के कंप्यूटर कई मायनों में परिपूर्ण (Perfect) नहीं हैं। उनकी कुछ सामान्य सीमाएँ (limitations) हैं जैसे: उनकी गति (speed), भंडारण क्षमता (memory capacity) और बिजली की खपत (Power Consumptions) की समस्या।

ये कंप्यूटर बहुत ही जटिल गणितीय गणना (Complex Mathematical Calculations) करने में बहुत समय लेते हैं। तो अब हमें ऐसे कंप्यूटर की जरूरत है जो हर क्षेत्र में आज के इन सभी कंप्यूटरों से बेहतर हो।

वैज्ञानिक रिचर्ड फिनमैन (Richard Finman) ने पहली बार 1981 में सामान्य कंप्यूटरों की सीमाओं के कारण होने वाली समस्या से छुटकारा पाने के लिए क्वांटम कंप्यूटर की आवश्यकता के बारे में अपने तथ्य प्रस्तुत किए।

इसलिए Google, IBM, Intel जैसी कंपनियां कंप्यूटर बनाने के लिए क्वांटम भौतिकी (Quantum Physics) का उपयोग कर रही हैं जिसे हम भविष्य के कंप्यूटर या क्वांटम कंप्यूटर कह सकते हैं। इन कंपनियों ने इन Models को अपनी प्रयोगशालाओं में बनाकर इन कंप्यूटरों का परीक्षण भी किया है और अब ये कंपनियां इन्हें पूरी तरह से बाजार में लाने की तैयारी कर रही हैं।

Quantum Computer क्या हैं, क्वांटम कंप्यूटर कैसे काम करता है, क्वांटम कंप्यूटिंग का उपयोग किस काम के लिए किया जाता है, क्वांटम कंप्यूटर के लाभ क्या हैं और यह Classical computer से तेज क्यों है?
Quantum Computer क्या हैं? (Image Source: flickr)

इस तरह यदि क्वांटम कंप्यूटर सफलतापूर्वक बाजार में आ जाता है, तो ये कंप्यूटर आजकल के सभी Classic Computers को पूरी तरह से बदल सकते हैं और उनकी जगह ले सकते हैं।

क्वांटम कंप्यूटर भविष्य का कंप्यूटर है। आज के सुपर कंप्यूटर भी उतनी गति से काम नहीं कर पाएंगे जितने ये कंप्यूटर काम करेंगे। ये कंप्यूटर आज के सभी क्लासिक कंप्यूटरों से 10 गुना तेज होंगे।

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क्वांटम कंप्यूटर कैसे काम करते हैं?

क्वांटम कंप्यूटर को जानने से पहले हम आज के क्लासिक कंप्यूटर के बारे में जान लेते हैं। जैसा कि हम सभी जानते हैं कि क्लासिक कंप्यूटर के तीन भाग होते हैं – Input Device, Output Device और Processor.

इनपुट डिवाइस कीबोर्ड, माउस, टच स्क्रीन आदि के साथ आते हैं और आउटपुट डिवाइस में डिस्प्ले मॉनिटर, प्रिंटर, स्पीकर आदि शामिल हैं।

अब हम बात करते हैं तीसरे पार्ट यानी प्रोसेसर (Processor) की, जिसे हम System Unit भी कहते हैं, जिसे कंप्यूटर का दिमाग माना जाता है। प्रोसेसर कंप्यूटर का मुख्य भाग होता है। कंप्यूटर पर हम जो भी कैलकुलेशन करते हैं वह प्रोसेसर ही करता है। प्रोसेसर को सर्किट चिप भी कहा जाता है। इसका आकार 1 इंच से 2 इंच तक हो सकता है। हमारे कंप्यूटर और मोबाइल में एक से अधिक सर्किट होते हैं।

सर्किट चिप के अंदर बेसिक मॉड्यूल (Basic Modules) होते हैं और ये मॉड्यूल कई छोटे लॉजिक गेट्स (Logic Gates) में विभाजित होते हैं और इन लॉजिक गेट्स में कई छोटे-छोटे ट्रांजिस्टर (transistors) होते हैं। उदाहरण के लिए एंड गेट 2 में ट्रांजिस्टर होते हैं। हमारे कंप्यूटर के अंदर लाखों Transistor होते हैं।

ट्रांजिस्टर एक स्विच (switch) के रूप में कार्य करते हैं जो सूचना (information) को अनुमति (allow) देता है और इंटरसेप्ट (intercepts) करता है। इसका मतलब है कि यह transistors जानकारी के लिए On के रूप में भी कार्य करता है और Off के रूप में भी कार्य करता है। यह जानकारी बाइट्स (bytes) के रूप में होती है जो 0 या 1 हो सकती है जिसे बाइनरी डिजिट (Binary Digit) कहा जाता है। यहां 0 का मतलब ऑफ है, 1 का मतलब ऑन है।

क्लासिक कंप्यूटर एक बार में डेटा का ‘On’ या ‘Off’ मान दिखाएगा। इसलिए क्लासिक कंप्यूटर एक बार में केवल एक ही सिग्नल देता है। इसलिए, यह कंप्यूटर एक समय में केवल एक ही कार्य करता है।

जैसा कि हम सभी जानते हैं कि कंप्यूटर शब्दों या संख्याओं को नहीं समझता है। वह इन शब्दों या संख्याओं को 0 और 1 के प्रारूप में ही समझ सकता है। उदाहरण – अगर हम अपने कंप्यूटर के की-बोर्ड से 2 दबाते हैं तो कंप्यूटर इसे बाइनरी डिजिट में 01 बिट के रूप में समझेगा और इसी तरह यदि हम 3 दबाते हैं, तो कंप्यूटर इसे 11 बिट्स समझेगा।

आइए अब इसे थोड़ा और अच्छे से समझते हैं।

एक क्लासिक कंप्यूटर में, डेटा या तो 0 के format में या 1 के format में होगा। यदि हम एक Bit की संभावना को देखें, तो 1 बिट में 4 अलग-अलग variables हो सकते हैं। उदाहरण के लिए- या तो 0 0 या 1 0 या 0 1 या 1 1 होगा। ये 4 संभावित डेटा हो सकते हैं। इस संयोजन से कंप्यूटर का प्रोसेसर किसी भी कार्य को पूरा करता है।

अब बात करते हैं Quantum Computer की तो क्वांटम कंप्यूटर में भी डेटा 0 और 1 के प्रारूप में होता है लेकिन इसमें प्रत्येक Bit 2 properties दिखाता है। क्वांटम कंप्यूटर में BITS के स्थान पर QUBITS का प्रयोग किया जाता है। 1 QUBITS 0 और 1 के मान एक साथ दिखाता है क्योंकि QUBITS इलेक्ट्रॉन रूप में होते हैं और QUBITS इलेक्ट्रॉन की Double Spinn Position के कारण एक साथ 0 और 1 के मान दिखाते हैं।

हम इसे और सरल तरीके से समझने की कोशिश करते हैं। उदाहरण के लिए, हम 0 को OFF कंडीशन और 1 को ON कंडीशन के रूप में मानते हैं। तो यहाँ क्लासिक कंप्यूटर 0 को OFF और 1 को ON मानेगा लेकिन क्वांटम कंप्यूटर ऐसा नहीं मानता हैं। क्वांटम कंप्यूटर 0 को एक समय पर OFF और ON दोनों के रूप में समझ सकता है।

इसी तरह, 1 को भी चालू और बंद माना जा सकता है। इसलिए क्वांटम कंप्यूटर में प्रोसेसिंग दोगुनी हो जाती है। जैसा कि हमने देखा कि 1 BIT की तुलना में 1 QUBIT दोगुना काम कर सकता है। क्लासिक कंप्यूटर में, हमें 4 बिट्स द्वारा विभिन्न संयोजनों के 16 परिणाम मिलते हैं। उदाहरण के लिए :

0000          0100          1000          1100

0001          0101          1001          1101

0010          0110          1010          1110

0011          0111          1011          1111

क्लासिक कंप्यूटर एक समय में इनमें से केवल एक परिणाम दिखाते हैं, लेकिन क्वांटम कंप्यूटर इन सभी परिणामों पर एक साथ काम कर सकता है। यानी यह कंप्यूटर एक साथ कई काम कर सकता है। क्वांटम कंप्यूटर में 4 बिट्स के 16 combinations होते हैं और अलग-अलग के बजाय एक साथ प्रदर्शित होते हैं।

इस तरह अगर हम QUBITS की संख्या बढ़ाते हैं, तो 20 QUBITS से 10 लाख परिणाम एक सेकंड में प्राप्त होंगे। अगर हम 2048 QUBITS Factors की गणना करें तो इसमें हमें कई साल लगेंगे, लेकिन एक क्वांटम कंप्यूटर से इस काम की गणना सिर्फ 1 मिनट में की जा सकती है।

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कौन सा कंप्यूटर तेज हैं -क्लासिक कंप्यूटर या क्वांटम कंप्यूटर?

कंप्यूटर केवल विशेष उद्देश्य के लिए बनाए जाते हैं। इसलिए, सभी कंप्यूटर प्रत्येक कार्य को अलग-अलग समय पर संकलित (Compiled) करते हैं। इसे हम कुछ उदाहरणों से समझने की कोशिश करते हैं जैसे – मान लीजिए अगर हम 1 GB Video फाइल को Convert करना चाहते हैं तो क्लासिक कंप्यूटर इसे करने में 1 मिनट का समय लेता है। वहीं इस काम को करने में क्वांटम कंप्यूटर को 1 मिनट से थोड़ा ज्यादा समय लगेगा क्योंकि क्वांटम कंप्यूटर ऐसे काम में थोड़ा धीमा हो जाएगा।

अब, किस प्रकार से क्वांटम कंप्यूटर सबसे तेज़ है? तो चलिए इसके लिए एक और उदाहरण लेते हैं – अगर हम 1 जीबी की 50,000 Video Files को एक साथ Convert करना चाहते हैं, तो क्लासिक कंप्यूटर इस कार्य को पूरा करते करते शायद खुद को खत्म कर ले लेकिन क्वांटम कंप्यूटर कुछ ही सेकंड में इस कार्य को पूरा कर सकता है।

इसका मतलब है कि एक क्वांटम कंप्यूटर एक साथ बहुत सारे काम करने के लिए डिज़ाइन किया गया है न कि एक काम करने के लिए।

क्वांटम कंप्यूटिंग का उपयोग किस काम के लिए किया जाता है? (क्वांटम कंप्यूटर के लाभ):

क्वांटम कंप्यूटर के बेहतर उपयोग को जानने के लिए, मौसम पूर्वानुमान का उदाहरण लें जैसे: यदि आप भारत के सभी छोटे और बड़े शहरों की मौसम की स्थिति जानना चाहते हैं, तो इसके लिए आपको सभी शहरों का मौसम डेटा लेना होगा और शायद भारत का यह डेटा बहुत बड़ा होगा।

इतने बड़े डेटा का विश्लेषण (analyze) करने के लिए उसे एक साथ प्रोसेस करना होता है। अब यहां क्वांटम कंप्यूटर डेटा को प्रोसेस करने के लिए इसे कई छोटे-छोटे टुकड़ों में बांट देगा। इसलिए, पूरे डेटा को एक साथ Processed किया जाएगा और कुछ ही सेकंड में इसका परिणाम सामने आ जाएगा।

जैसा कि आप सभी जानते हैं कि मौसम की भविष्यवाणी करने में समय कितना महत्वपूर्ण होता है क्योंकि अगर यह काम एक क्लासिक कंप्यूटर से किया जाता है, तो डेटा प्रोसेसिंग में काफी समय लगेगा और जब तक नतीजे आएंगे, शायद मौसम का हाल ही बदल जाएगा। ऐसे में Weather Forecasting में गलत डाटा सामने आएगा, जो लोगों को गलत जानकारी देगा।

क्वांटम कंप्यूटर का उपयोग अंतरिक्ष अन्वेषण (Space Exploration), रोबोट विज्ञान (Robot Science), चिकित्सा अनुसंधान (Medical Research), अनुसंधान परियोजनाओं (Research Projects), Advance Gaming, Servers, मौसम पूर्वानुमान (Weather Forecasting) या नए तकनीकी अनुसंधान (Technological Research) में किया जा सकता है।

At Last:

तो दोस्तों, आज इस लेख में हमने भविष्य के कंप्यूटर यानि क्वांटम कंप्यूटर के बारे में विस्तार चर्चा की हैं कि क्वांटम कंप्यूटर क्या है, क्वांटम कंप्यूटर कैसे काम करता है, क्वांटम कंप्यूटर के क्या फायदे हैं, यह सुपर कंप्यूटर से तेज क्यों है?

मुझे उम्मीद है कि आपको यह जानकारी पसंद आई होगी और इससे आपको बहुत कुछ सीखने को मिला होगा। अतः इसे अपने दोस्तों और परिवार के साथ जरूर शेयर करें। साथ ही इस पोस्ट के बारे में आपके क्या विचार हैं, हमें कमेंट करके जरूर बताएं।

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Rakesh Verma

Rakesh Verma is a Blogger, Affiliate Marketer and passionate about Stock Photography.

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